मस्तूरी – मस्तूरी ब्लॉक में चोरों का आतंक अपने चरम सीमा तक पहुंच गया है। जहां अब चोर बड़े पैमाने पर चोरी की घटना को अंजाम दे रहे हैं। जिसमे भारी वाहनों के साथ साथ स्थानीय स्तर के कबाड़ी के संलिप्त होने की प्रबल संभावना बनी है। ताजा मामला मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम हिर्री में सामने आया है। जहां अज्ञात चोरों ने पंचायत के निर्माणाधीन पानी टंकी में लगे लोहे के सेट्रिंग प्लेट को चोरी कर रफूचक्कर हो गए है। आपको बता दें मौके से एक दो नहीं बल्कि एक टन लोहे की चोरी हुई है। ताज्जुब की बात यह है की यह सभी सेट्रिंग प्लेट पानी टंकी के 40 फिट ऊपर लगा हुआ था। जिसे अज्ञात चोर बड़ी ही आसानी से गाड़ी में लोड कर ले गए। जिसकी भनक स्थानीय पुलिस को लगी नही। इधर घटना की शिकायत स्वातिका टेडर्स के फर्म मे सिविल इंजिनियर रत्नेश केसरी ने मस्तूरी थाने में दर्ज कराई है। इस दौरान प्रार्थी ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम हिर्री के पंचायत भवन के बगल में उनके द्वारा पानी टंकी का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जहां 24 अक्टूबर को ढलाई कराया गया था। जिसके बाद साइड की रखवाली करने वाले सुपरवाइजर किसी काम से घर चला गया था। 5 नवंबर को जब प्रार्थी मौके पर पहुंचे। तो देखा की उक्त टंकी ढलाई के लिये लगाये गये 54 नग लोहे का प्लेट में से 41 नग चोरी हो गया है एक प्लेट की वजन 20 से 25 किलो के आस पास थी जिसकी कीमत एक लाख 20 हजार बताई जा रही है। फिलहाल मामले में मस्तूरी पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

छोटी छोटी चोरियों से नही ली पुलिस ने सबक..
बीते एक पखवाड़े से मस्तूरी ब्लॉक में चोरी की घटना में बेतहाशा वृद्धि हुई है। चाहे वह बाइक चोरी हो या घरों में रखे कीमती सामानों की। चोरो ने तो कॉलेज तक को नहीं बख्शा है। उसके बाद भी स्थानीय पुलिस को एक भी मामले में सफलता हासिल नहीं हुई है। या यू कहे उन्होंने इन मामलो को गंभीरता से लिया ही नही तभी तो अब हजारों की चोरी करने वाले चोर लाखो के माल पर अपना हाथ साफ कर रहे है।

रात्रि गश्त के साथ पुलिस की सूचना तंत्र भी हुई ध्वस्त…
ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही सिलसिलेवार चोरी यह तो साफ है। की मस्तूरी ब्लॉक के अंतर्गत आने सभी थाना क्षेत्र में रात्रि गश्त के नाम में केवल और केवल खाना पूर्ति की जा रही है। आलम यह है की अब तो पुलिस के सूचना तंत्र के पास भी कोई पुख्ता जानकारी नहीं होती है या शायद वह भी पुलिस के सुस्त रवैया से वाकिफ हो चुके हैं। तभी तो मस्तूरी पुलिस को एक हजार किलो लोहे की चोरी की भनक तक नहीं लगी। जबकि इतनी बड़ी मात्रा में लोहे की चोरी करने के लिए पर्याप्त समय और बड़ी गाड़ी की जरूरत होती है। बावजूद इसके इस घटना की भनक तक नहीं लगना कई सवालों को जन्म दे रहा है..?
