भरारी धान खरीदी केंद्र में प्रभार को लेकर चल रही खींचतान… प्राधिकृत अधिकारी दागी कर्मचारी को बैठाने लगा रहा जोर, बन रही विवाद की स्थिति।
मस्तूरी – विकासखंड के सेवा सहकारी समिति भरारी पं. क्र.558 के धान खरीदी प्रभारी के प्रभार को लेकर विवादों का सिलसिला खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है एक ओर जहां क्षेत्र के किसान सुबह से लेकर शाम तक धान बेचने टोकन और तौल को लेकर परेशान है तो वही संस्था प्रबंधक की नियुक्ति को लेकर पूरा प्रशासनिक संदेह के दायरे में है।

सेवा सहकारी समिति भरारी में संस्था प्रबंधक के पद को लेकर मामला इतना उलझ गया है कि कभी भी आपसी विवाद कोई बड़ी घटना बन सकती है, जिसका अंदाजा विभाग को नहीं है। बिना किसी लिखित आदेश के मस्तूरी क्षेत्र के सेवा सहकारी समिति के उच्च अधिकारियों ने एक बैंक सुपरवाइजर ज्ञान करियारे को अधिकृत अधिकारी बना दिया है, जो अपने पद को संभालते ही बिना उच्च अधिकारियों के निर्देशित और लिखित आदेश के बगैर अधिकृत अधिकारी का पावर दिखाते हुए सेवा सहकारी समिति भरारी पहुंच पद का दुरुपयोग करते हुए लाखों रुपयों का घोटाला करने वाले पूर्व लिपिक एवं प्रभारी संस्था प्रबंधक जगजीवन कुर्रे को प्रभार दिलाने जुट गए है। जहां पर पूर्व से ही लगभग 10 हजार क्विंटल धान खरीदी कर चुके प्रभारी संस्था प्रबंधक प्रकाश लहरें ने उनसे लिखित में आदेश दिखाने को कहा जो केवल मौखिक ही प्रभार देने दबाव बनाते रहे जिसकी वजह से मौके पर तनाव की स्थितियां निर्मित होती रही। इस दौरान प्राधिकृत अधिकारी बने ज्ञान करियारे ने जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रमोद नायक के मौखिक आदेश का हवाला देकर प्रभार छोड़ने की मांग कर रहा है, जबकि जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रमोद नायक ने किसी भी तरह का मौखिक या लिखित आदेश दिए जाने से इंकार कर दिया है।
वर्तमान प्रभारी कर चुका है धान खरीदी शुरू…कैसे छोड़े प्रभार
वही वर्तमान में पदस्थ भरारी समिति के धान खरीदी प्रभारी प्रकाश लहरे का कहना है कि मुझे किसी भी प्रकार से लिखित आदेश प्राप्त नहीं हुआ है, जिसके वजह से मैं किसी को यह धान खरीदी का प्रभार नहीं दे सकता क्योंकि लगभग दस हजार क्विंटल धान खरीदी हो चुकी है जिसकी जवाबदारी कौन लेगा, इस वजह से मैं अपना कार्यभार किसी दूसरे को नहीं दे सकता।