दुर्गेश चंद्राकर
मस्तुरी | मनरेगा विभाग में फर्जी मस्टर का मामला कोई नया नही है, विभाग में फर्जी मस्टर रोल और फर्जी तरीके से राशि आहरण का मामला आये दिन सामने आते रहता है। ऐसा ही मामला मस्तूरी जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत धुरवाकारी से आया है जहां मनरेगा के तहत बनाये गए डबरी निर्माण कार्य मे जे.सी.बी. से कार्य कर फर्जी तरीके से मस्टर रोल जमा करने का मामला सामने आया है।
दरसल साल 2020 -21 में ग्राम धुरवाकारी में धर्मेन्द्र भारद्वाज के नाम से 2 लाख 49 हजार की लागत से मनरेगा के तहत डबरी सेंक्शन हुआ था। जिसमे रोजगार सहायक के द्वारा हितग्राहियों को बिना बताए जेसीबी मशीन से खोदाई करा दिया गया साथ ही हितग्रहियों के नाम पर भी मस्टर रोल जारी किया गया है जिसमे हितग्राहियों के बिना हस्ताक्षर के मस्टर रोल जमा किया गया जबकि हितग्राहियों को इसकी कोई जानकारी ही नही है ।
जब मामले की जानकारी हितग्राहियों को हुआ तब हितग्राही ने जनपद पंचायत, जिला पंचायत और कलेक्टरेट में शिकायत किया जिसके बाद विभाग के द्वारा दो बार जांच किया गया और जिसमे कोई त्रुटि नही मिला। जबकि हितग्राही के पास जारी मस्टर का फोटो कॉपी में साफ देखा जा सकता है कि मजदूरों का बिना हस्ताक्षर के ही मस्टर जारी हो गया और राशि भी आहरण हो गया।
ऐसे में जनपद पंचायत के द्वारा गठित जांच टीम पर सवाल उठता है कि किस तरह लापरवाही पूर्वक जांच किया जाता है और दोषियों को बचाया जाता है।
मामले को लेकर जब हमने कार्यक्रम अधिकारी से बात किया तब छुट्टी में होना बताया और साथ ही इस मामले की रिपोर्ट का जानकारी नही होना बताया ।