आशुतोष गुप्ता
बिलासपुर — एनटीपीसी सीपत प्रबंधन और ठेकेदारों के बीच 3 वर्ष बाद हुई बैठक में ठेकेदारों ने प्रबंधन पर उनकी बात नही सुनने का आरोप लगाया है मामले को लेकर दोनों पक्षो के बीच तीखी बहस चली है। नाराज ठेका कंपनी के लोगो ने प्रशासनिक भवन में ही धरना दे दिया था। मामले को लेकर अब मंगलवार के बाद प्रबंधन और ठेकेदारों के बीच बैठक होगी।

बताते चले कि एनटीपीसी सीपत प्रबंधन और यहां के निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदारों के बीच वेंडर मेट को लेकर के शुक्रवार को सुबह 11 बजे एनटीपीसी के चाणक्य भवन में बैठक हुई। लगभग 3 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद हुई इस बैठक में संयंत्र के कार्यकारी निदेशक घनश्याम प्रजापति के अलावा सभी विभाग के एजीएम,डीजीएम सहित आला अधिकारी उपस्थित रहे,कार्यकारी निदेशक ने परिचय के बाद प्रोजेक्टर के माध्यम से टेंडर की तकनीकी और नए नियमो के विषय में जानकारी दी,इसके बाद उपस्थित ठेकेदारों को प्रबंधन के समक्ष अपनी बात रखनी थी।

लेकिन इसी बीच डीजीएम सुरेश चंद्र त्रिपाठी ने ठेकेदारों की समस्या सुने बगैर लंच टाइम होने का हवाला देते हुए बैठक के समापन की घोषणा कर दी। ठेकेदारों ने बिना बात सुने बैठक को समाप्त करने को लेकर विरोध किया।एनटीपीसी प्रबंधन के इस रवैये से नाराज़ ठेकेदारों का एक प्रतिनिधि मंडल कार्यकारी निदेशक घनश्याम प्रजापति से मिलने एनटीपीसी के प्रशासनिक भवन पहुंचे लेकिन कार्यकारी निदेशक घनश्याम प्रजापति ने अपनी व्यस्तता बताते हुए ठेकेदारो से मिलने से मिलने इंकार कर दिया। ठेकेदारों ने सीढ़ी में बैठकर धरना दियाकार्यकारी निदेशक घनश्याम प्रजापति के मिलने से इनकार के बाद,नाराज़ ठेकेदारों के प्रतिनिधि मंडल ने प्रबंधन के प्रति गुस्सा दिखाते हुए कार्यालय की सीढ़ी में ही बैठकर धरना दे दिया। ठेकेदारों के धरना देने की खबर सुनकर एनटीपीसी अधिकारियों के बीच हड़कम्प मच गया,मामला बढ़ते देख कार्यकारी निदेशक ने सिर्फ दो ठेकेदारों को मिलने के लिए बुलाया कार्यकारी निदेशक ने बताया कि मंगलवार तक वह ऑफिशियल मीटिंग को लेकर व्यस्त रहेंगे इसलिए ठेकेदारों से उनकी समस्याओं पर बातचीत करने के लिए मंगलवार के बाद का समय तय किया गया ।डीजीएम एचआर के साथ हुई बैठक भी बे नतीजा रहानाराज़ ठेकेदार से बात करने के लिए एचआर विभाग के डीजीएम विवेक चंद्र और सीनियर मैनेजर नीरज सोनी पहुंचे,आधे घण्टे तक आईसीएच में चली बैठक के दौरान एनटीपीसी अधिकारी और ठेकेदारो के बीच कई मुद्दों पर जमकर बहस हुआ। मामला इतना बढ़ गया कि नाराज़ ठेकेदार बैठक छोड़कर प्रशासनिक भवन से बाहर निकल गए कुल मिलाकर यह भी बैठक बे नतीजा रही। जानिए क्या है पूरा मामला…एनटीपीसी के ठेका कम्पनी के.के. कंस्ट्रक्शन के संचालक कृष्ण कुमार राठौर, अयान कंट्रक्शन के विजय प्रताप सिंह और जय शीतला माता इंटरप्राइजेज के संचालक एवं जांजी ग्राम पंचायत के सरपंच शिवनाथ रोहिदास ने बताया कि सालों पूर्व किये गए निर्माण कार्यो का करोड़ो रुपये की राशि अब तक एनटीपीसी ने ठेकेदारों को नही दिया है पैसा देने के नाम पर हमे परेशान किया जा रहा है, एनटीपीसी में रजिस्टर्ड ठेका कंपनी को यूपीएल के टेंडर डालने नही दिया जाता प्रबंधन का कहना है की यूपीएल में फर्म का अलग पंजीयन कराएं जबकि एनटीपीसी में एक भी कार्य नही करने वाली कपंनियों को यूपीएल में करोड़ों का टेंडर देकर उपकृत किया जा रहा है, एनटीपीसी द्वारा सरकार की नई नीति का पालन करने दबाव बनाया जा रहा है की अप्रैल 2021 से वर्करों का पीएफ दिया जाए इस पर ठेकेदारों का कहना है कि प्रबंधन के हाथों में सब कुछ है पीएफ की राशि को वो खुद हस्तांतरित क्यों नहीं कर लेती इसके अलावा और भी कई तरह की समस्या है जिसे प्रबंधन सुनने को तैयार नही है। बात नही बनेगी तो काम बंद का आंदोलन करेंगेठेकेदारों ने बताया कि एनटीपीसी प्रबंधन ने मंगलवार तक समय मांगा है अगर मंगलवार के बाद होने वाली बैठक में हमारी समस्याओं का निराकरण नही किया जाता है तो एनटीपीसी संयंत्र के अंदर और बाहर के सभी निर्माण कार्यो को पूर्ण रूप से बंद कर आंदोलन का रूप अख्तियार करेंगे बाध्य होंगे।इस दौरन आयाम कन्ट्रक्सन, केके कंट्रक्शन , लाल ई इननियरिंग,राज कंट्रक्शन ,माई इंजीनियरिंग, अंकित एंड मोहित कंट्रक्शन, बीआरडी कंट्रक्शन, निगम इंटरप्राइजेस , जय माँ शीतला इंटरप्राइजेस , विजय कंट्रक्शन, एम एस बिपिन कुमार , सत्या फेब्रिकेट , आयुष कंट्रक्शन, आकार कंट्रक्शन नीरज चौरसिया , सुनील सिंह , कृष्ण कुमार राठौर, विजय प्रताप सिंह , शिवनाथ रोहिदास , विनय राय सहित 20 से 25 कामगर सहकारी समितियों के लोग थे।